खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।


मैंने हर एक सांस अपनी तुम्हारे नाम कर दी,
लोगो में ये ज़िन्दगी बदनाम कर दी,
अब ये आइना भी किस काम का मेरे,
मैंने तो अपनी परछाई भी तुम्हारे नाम कर दी।

Unknown