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Tuesday, December 25, 2018 8:28 PM

Love Shayari Pyaar nahee hai to beshak inakaar kar de

प्यार नही है तो बेशक इनकार कर दे, दूर हो जाओ लेकिन कभी किसी की फीलिंग्स के साथ टाइम पास मत करो।

Love Shayaris Dil kee dhadakan ban kar dil me

दिल की धड़कन बन कर दिल मे रहोगे तुम जब तक सांस है तब तक मेरे साथ रहोगे तुम।

Love Shayari Too mujhe mile ya na mile

तू मुझे मिले या ना मिले,
मेरी तो बस यही दुआ है कि तुझे जमाने की हर खुशी मिले।

Love Shayariyan Chaahate hain tumhe kitanaaye koee nahee jaanata

चाहते हैं तुम्हे कितनाये कोई नही जानता, 
तेरे सिवा ये दिल किसी की बात नही मानता।

Love Shayariya Bahut dard hota hai yah sochakar ki mujhe aisa

बहुत दर्द होता है यह सोचकर कि मुझे ऐसा, 
क्या पाना था जो मैंने खुद को भी खो दिया।

Love Shayari Kisee ne poochha itana achchha kaise likh lete ho

किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो, मैने कहा दिल तोड़ना पड़ता है, लफ्जो को जोड़ने से पहले।

Love Shayari Kuchh bhee kaho lekin ek baar dhokha

कुछ भी कहो लेकिन एक बार धोखा खाने के बाद किसी पर यकीन करना मुश्किल होता है।

Monday, December 24, 2018 8:10 PM

Love Shayari Kisee se pyaar karo to itana karo ki

किसी से प्यार करो तो इतना करो कि अगर वो आपको छोड़ के जाए भी तो किसी का ना हो पाए।

Love Shayari Shuroo karate hain phir se mohabbat tum chale aa

शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत तुम चले आओ .. . .
 थोड़ा हम बदल जाते हैं .. थोड़ा तुम बदल जाओ

Love Shayari Aapaka vakt kitana bhee bura kyon na ho

आपका वक्त कितना भी बुरा क्यों ना हो, 
लेकिन सच्चा प्यार करनें वाला आपको कभी भी अकेला नहीं छोड़ सकता।

Love Shayari Kaise bayaan karen saadagee apane mahaboob kee

कैसे बयान करें सादगी अपने महबूब की, 
पर्दा हमीं से था मगर नजर भी हमीं पे थी।

Love Shayari Aapako yaad karana meree aadat ban gaee hai

आपको याद करना मेरी आदत बन गई है,
आपका खयाल रखना मेरी फितरत बन गई है,
आपसे मिलना ये मेरी चाहत बन गई है,
आपको प्यार करना मेरी किस्मत बन गई है।

Saturday, December 22, 2018 6:41 PM

Love Shayariya Jisake saath aap hans sakate ho

जिसके साथ आप हँस सकते हो उसके साथ पूरा दिन बिता सकते हो, लेकिन जिसके साथ आप रो सकते हो उसके साथ आप पूरी ज़िन्दगीं बिता सकते हो।

Love Shayris Tu mujhen mile ya na mile

तू मुझें मिले या ना मिले,
 मेरी तो बस यही दुआ है कि तुझें ज़माने की हर ख़ुशी मिले।

Love Shayariyan Zindageen mein kisee ka saath kaafee hai

ज़िन्दगीं में किसी का साथ काफ़ी है, 
हाथों में किसी का हाथ काफ़ी है, 
दूर हो या पास फ़र्क नहीं पड़ता 
प्यार का तो बस एहसास काफ़ी है।

Love Shayari Jab bhee main tumhe dekhata hoon

जब भी मैं तुम्हे देखता हूँ तो मैं आश्चर्य में पड़ जाता हूँ 
कि मेरी किस्मत इतनी अच्छी कैसे हो सकती है।

Love Shayari Har din tum mere

हर दिन तुम मेरे दिमाग़ में आने वाली पहली और आख़िरी चीज़ हो।

Love Shayari Main tumase behad pyaar karata hoon,

मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूँ, 
इसलिए नहीं कि तुम्हारा चेहरा कैसा है बल्कि इसलिए कि तुम कैसे हो।

Love Shayari Sotee huee aankhon ko salaam hamaara

सोती हुई आँखों को सलाम हमारा
मीठे सुनहरें सपनों को आदाब हमारा,
दिल मे रहे प्यार का एहसास सदा ज़िंदा,
आज की रात का यही है पैग़ाम हमारा।

Friday, December 21, 2018 6:09 PM

Love Shayari Agar main jaanata hoon ki pyaar kya ha

अगर मैं जानता हूँ कि प्यार क्या है, 
तो इसकी वज़ह सिर्फ तुम हो।

Love Shayari Ishk-ai-dariya mein ham doob kar bhee dekh aaye

इश्क-ऐ-दरिया में हम डूब कर भी देख आये,
 वो लोग मुनाफे में रहे जो किनारे से लौट आये !!

Love Shayari Pyaar ka rishta itana majaboot hona chaahie

प्यार का रिश्ता इतना मजबूत होना चाहिए कि किसी तीसरे इंसान की वजह से कभी न टूटे।

Love Shayari Ye mat sochana ki tumhaare bina mar jaayenge ham,

ये मत सोचना कि तुम्हारे बिना मर जायेंगे हम, 
वो लोग भी जी रहे हैं जिन्हें छोड़ा था मैंने तुम्हारी खातिर।

Love Shayari Duniya me mohabbat aaj bhee barakaraar hai

दुनिया मे मोहब्बत आज भी बरकरार है..
क्योंकि एकतरफा प्यार अब भी वफादार है

Love Shayari Meree saanso par naam bas tumhaara hai

मेरी सांसो पर नाम बस तुम्हारा है…
मैं अगर खुश हूं तो ये एहसान तुम्हारा है।

Love Shayari Chaahe too mujhe kabhee mile ya na mile...

चाहे तू मुझे कभी मिले या न मिले..
लेकिन मेरे हिस्से की भी सारी खुशी तुझे मिले।

Love Shayari Nahin bastee kisee aur kee soorat ab in aankhon mein

नहीं बस्ती किसी और की सूरत अब इन आँखों में
काश की हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता ।

Love Shayari Jo ladakee aapakee baat sun kar

जो लड़की आपकी बात सुन कर, आपको पागल कहती है ना वही आपसे सच्ची मोहब्बत करती है।

Love Shayari Kisee kee jindagee sirph do vajah se badalatee hai

किसी की जिंदगी सिर्फ दो वजह से बदलती है, एक कोई बहुत खास इंसान उसकी जिंदगी में आ जाये, दूसरा कोई बहुत खास इंसान उसकी जिंदगी से चला जाये।

Love Shayari Aaeena dekhoge to meree yaad aaegee

आईना देखोगे तो मेरी याद आएगी
साथ गुज़री वो मुलाकात याद आएगी
पल भर क लिए वक़्त ठहर जाएगा,
जब आपको मेरी कोई बात याद आएगी.

Love Shayari Kar de nazare karam mujh par

कर दे नज़रे करम मुझ पर,
मैं तुझपे ऐतबार कर दूँ,
दीवाना हूँ तेरा ऐसा,
कि दीवानगी की हद को पर कर दूँ,

Love Shayari Hazaar baar lee hai tumane talaashee mere dil kee

हज़ार बार ली है तुमने तलाशी मेरे दिल की, बताओ कभी कुछ मिला है इसमें प्यार के सिवा..!

Love Shayari Pahalee mohabbat ke lie dil jise chunata hai

पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है. वो अपना हो न हो…दिल पर राज हमेशा उसी का रहता है।

Tuesday, December 18, 2018 8:35 PM

Shayari Meri Ye jid nahi mere gale ka har ho jaau


Sunday, December 16, 2018 1:44 PM

Gulzar Shayari Aap ne auron se kaha sab kuchh

आप ने औरों से कहा सब कुछ 
हम से भी कुछ कभी कहीं कहते 

Gulzar Aap ke bad har ghadee ham ne

आप के बा'द हर घड़ी हम ने 
आप के साथ ही गुज़ारी है

Gulzar Shayri Aag mein kya kya jala hai shab bhar

आग में क्या क्या जला है शब भर 
कितनी ख़ुश-रंग दिखाई दी है 

Gulzars Shayri Aankhon se aansuon ke maraasim puraane hain

आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं 
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ 

Gulzar Shayri Aankhon ke pochhane se laga aag ka pata

आँखों के पोछने से लगा आग का पता 
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ

Gulzar Shayari Aaina dekh kar tasallee huee

आइना देख कर तसल्ली हुई 
हम को इस घर में जानता है कोई 

Gulzar Apane sae se chaunk jaate hain

अपने साए से चौंक जाते हैं 
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा 

Gulzar Apane maazee kee justujoo mein bahaa

अपने माज़ी की जुस्तुजू में बहार 
पीले पत्ते तलाश करती है 

Gulzar Main chup karaata hoon har shab umadatee baarish ko

मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है

Gulzar Sahama sahama dara sa rahata hai

सहमा सहमा डरा सा रहता है
जाने क्यूं जी भरा सा रहता है

Saturday, December 15, 2018 6:34 PM

Gulzars Shayri Phir vaheen laut ke jaana hoga

फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है

Gulzar Shayri Jis kee aankhon mein katee theen sadiyaan

जिस की आंखों में कटी थीं सदियां
उस ने सदियों की जुदाई दी है

Gulzar Shayari Ham ne aksar tumhaaree raahon mein

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया

Gulzar Khushaboo jaise log mile afsaane mein

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में

Gulzars Shayri Kabhee to chaunk ke dekhe koee hamaaree taraf

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे

Gulzar Shayri Jab bhee ye dil udaas hota hai

जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस-पास होता है

Gulzar Shayari Haath chhooten bhee to rishte nahin chhoda karate

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते

Gulzar poem Aap Ke Baad Har Ghadi

Aap Ke Baad Har Ghadi

आप के बाद हर घड़ी हम ने 
आप के साथ ही गुज़ारी है. 

रात को दे दो चाँदनी की रिदा 
दिन की चादर अभी उतारी है. 

शाख़ पर कोई क़हक़हा तो खिले 
कैसी चुप सी चमन में तारी है. 

कल का हर वाक़िआ' तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है. 

Gulzar

Gulzar Sham Se Aankhn Me Nami Si Hai

शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है

वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर
इस की आदत भी आदमी सी है

Gulzars Shayri Aaj Har Khamoshi Ko Mita Dene Ka Man Hain..

आज हर ख़ामोशी को मिटा देने का मन है
जो भी छिपा रखा है मन में लूटा देने का मन है..

Gulzar Shayri Suno.. Jara Rasta To Batana.

सुनो….ज़रा रास्ता तो बताना.
मोहब्बत के सफ़र से, वापसी है मेरी..

Gulzar Shayari Bahut Mushkil Se Karata Hun, Teri Yaadon Ka Karobar

बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है

Gulzar Log Kahte Hain Meri Aankhen, Meri Maan Si Hain

लोग कहते हैं मेरी आँखें मेरी माँ सी हैं

तुझे पहचानूंगा कैसे? तुझे देखा ही नहीं
ढूँढा करता हूं तुम्हें अपने चेहरे में ही कहीं

लोग कहते हैं मेरी आँखें मेरी माँ सी हैं
यूं तो लबरेज़ हैं पानी से मगर प्यासी हैं

कान में छेद है पैदायशी आया होगा
तूने मन्नत के लिये कान छिदाया होगा

सामने दाँतों का वक़्फा है  तेरे भी होगा
एक चक्कर तेरे पाँव  के तले भी होगा

जाने किस जल्दी में थी जन्म दिया, दौड़ गयी
क्या खुदा देख लिया था कि मुझे छोड़ गयी

Gulzar

Wednesday, December 12, 2018 8:52 PM

Rabindranath Tagore Yah kaun virahanee aatee

यह कौन विरहणी आती

यह कौन विरहणी आती !
केशों को कुछ छितराती ।
वह म्लान नयन दर्शाती ।।
लो आती वह निशि-भोर ।
देती है मुझे झिंझोर ।।
वह चौंका मुझको जाती ।
प्रातः सपनों में आती।
वह मदिर मधुर शयनों में,
कैसी मिठास भर जाती ।।
वह यहाँ कुसुम-कानन में,
है सौंप वासना जाती ।। 

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Jis path par tumane thee likhee charan rekha

जिस पथ पर तुमने थी लिखी चरण रेखा

जिस पथ पर तुमने थी लिखी चरण रेखा
उसको ख़ुद मिटा दिया आज ।।
जिस पथ पर बिछे कहीं फूल थे अशोक के,
उनको भी घास तले दबे आज देखा ।।
खिलना भी फूलों का होता है शेष
पाखी भी और नहीं फिर से गाता ।
दखिन पवन हो उदास
यों ही बह जाता ।।
तो भी क्या अमृत ही उनमें न छलका—
मरण-पार सब होगा बस बीते कल का ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Kisalay ne paaya kya usaka sandesh

किसलय ने पाया क्या उसका संदेश 

किसलय ने पाया क्या उसका संदेश ।
दूर-दूर सुर गूँजा किसका ये आज ।।
कैसी ये लय ।
गगन गगन होती है किसकी ये जय ।।
चम्पा की कलियों की शिखा जहाँ जलती,
झिल्ली-झंकार जहाँ उठती सुरमय ।।
आओ कवि, बंशी लो, पहनो ये माल,
गान-गान हो ले विनिमय ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Jo gae unhen jaane do

जो गए उन्हें जाने दो

जो गए उन्हें जाने दो
तुम जाना ना, मत जाना.
बाकी है तुमको अब भी
वर्षा का गान सुनाना.
हैं बंद द्वार घर-घर के, अँधियारा रात का छाया
वन के अंचल में चंचल, है पवन चला अकुलाया.
बुझ गए दीप, बुझने दो, तुम अपना हाथ बढ़ाना,
वह परस तनिक रख जाना.
जब गान सुनाऊं अपना, तुम उससे ताल मिलाना.
हाथों के कंकन अपने उस सुर में जरा बिठाना.
सरिता के छल-छल जल में, ज्यों झर-झर झरती वर्षा,
तुम वैसे उन्हें बजाना.

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Sunday, December 9, 2018 1:00 PM

Rabindranath Tagore Kholo yah timir-dvaar

खोलो यह तिमिर-द्वार

खोलो यह तिमिर द्वार रखतीं नीरव चरण आओ ।
ओ ! जननी सनमुख हो, अरुण अरुण किरणों में आओ ।।
पुण्य परस से पुलकित आलस सब भागे ।
बजे गगन में वीणा जगती यह जागे ।।
जीवन हो तृप्त मिले सुधा-रस तुम्हारा ।
जननी ओ ! हो सनमुख, ज्योति चकित नयनों में
आओ, समाओ ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Man ke mandir mein likhana sakhi

मन के मंदिर में लिखना सखी

मन के मंदिर में लिखना सखी
नाम लिखना मेरा प्रेम से ।
मेरे प्राणों के ही गीत से,
सुर वो नूपुर का लेना मिला ।।
मेरा पाखी मुखर है बहुत
घेर रखना महल में उसे
धागा ले के मेरे हाथ का
एक बंधन बनाना सखी,
जोड़ सोने के कंगन इसे ।।
मेरी यादों के रंगों से तुम
एक टिकुली लगाना सखी,
अपने माथे के चंदन पे, हाँ !
मोही मन की मेरी माधुरी,
अपने अंगों पे मलना सखी,
अपना सौरभ भी देना मिला ।।
मरन-जीना मेरा लूटकर
अपने वैभव में लेना समा ।
मुझको लेना उसी में छिपा ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore He naveena

हे नवीना

हे नवीना,
प्रतिदिन के पथ की ये धूल
उसमें ही छिप जाती ना !
उठूँ अरे, जागूँ जब देखूँ ये बस,
स्वर्णिम-से मेघ वहीं तुम भी हो ना ।।
स्वप्नों में आती हो, कौतुक जगाती ।
किन अलका फूलों को केशों सजाती 
किस सुर में कैसी बजाती ये बीना ।। 

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Yadi nahin cheenh main paoon, kya cheenh mujhe vah lega

यदि नहीं चीन्ह मैं पाऊँ, क्या चीन्ह मुझे वह लेगा 

यदि नहीं चीन्ह मैं पाऊँ, क्या चीन्ह मुझे वह लेगा ।
इस नव फागुन की बेला, यह नहीं जानती हूँ मैं ।।
निज गान कली में मेरी, वह आकर क्या भर देगा,
यह कहाँ जानती हूँ मैं ।। इन प्राणों को हर लेगा ।

क्या अपने ही रंगों में, वह फूल सभी रंग देगा,
क्या अंतर में आ करके वह नींद चुरा ही लेगा,
क्या गःऊँघट नव पत्तों का, कर जाएगा वह चंचल,
मेरे अंतर की गोपन वह बात जान ही लेगा—
यह कहाँ जानती हूँ मैं ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Rakho mat andhere mein do mujhe nirakhane

रखो मत अँधेरे में दो मुझे निरखने


रखो मत अँधेरे में दो मुझे निरखने ।
तुममें समाई लगती हूँ कैसी, दो यह निरखने ।
चाहो तो मुझको रुलाओ इस बार, सहा नहीं जाता अब
दुःख मिला सुख का यह भार ।।
धुलें नयन अँसुवन की धार, मुझे दो निरखने ।।
कैसी यह काली-सी छाया, कर देती घनीभूत माया ।
जमा हुआ सपनों का भार, खोज खोज जाती मैं हार—
मेरा आलोक छिपा कहीं निशा पार,
मुझे दो निरखने ।। 

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Mainne paaya use baar-baar

मैंने पाया उसे बार-बार


मैंने पाया उसे बार-बार ।

उस अचीन्हे को चीन्हे में चीन्हा ।।
जिसे देखा उसी में कहीं
वंशी बजती अदेखे की ही ।।
जो है मन के बहुत पास में,
चल पड़ा उसके अभिसार में ।।
कैसे चुप-चुप रहा है वो खेल,
रूप कितने ही धारे अरूप ।।
दूर से उठ रहा किसका सुर,
कानों कानों कथा कह मधुर ।।
आँखों आँखों का वो देखना,
लिए जाता मुझे किस पार !!



–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Friday, December 7, 2018 6:19 PM

Rabindranath Tagore Poem Aaj baadal-gagan, godhoolee-lagan

आज बादल-गगन, गोधूली-लगन

आज बादल-गगन, गोधूली-लगन

आई उसके ही चरणों की ध्वनि ।
कह रहा मन यही आज 'आएगा वह',
यही कहता है मन हर पल ।।
आँखों छाई ख़ुशी, हैं उठीं वे पुलक,
उनमें भर आया देखो ये जल ।।
लाया लाया पवन, उसका कैसा परस,
उड़ता-उड़ता दिखा उत्तरीय ।
मन है कहता यही, कहती रजनीगंधा,
आज 'आएगा वह', निर्मल ।।
हुई आकुल बड़ी मालती की लता,
हुई पूरी नहीं उसके मन की कथा ।।
बतकही जाने बन में ये कैसी चली,
आज किसकी मिली है ख़बर ।
दिग्वधुओं के आँचल में कंपन हुआ,
कह रहा मन यही, आज 'आएगा वह'
आज उसकी ही है हलचल ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Ravindranath Tagore Kisaka aaghaat hua phir mere dvaar

किसका आघात हुआ फिर मेरे द्वार 


किसका आघात हुआ फिर मेरे द्वार ।
कौन, कौन इस निशीथ खोज रहा है किसको—
आज बार-बार ।।
बीत गए कितने दिन,
आया था वह अतिथि नवीन,
दिन था वह वासन्ती—
जीवन कर गया मगन
पुलक भरी तन-मन में—
फिर हुआ विलीन ।।
झर-झर-झर झरती बरसात ।
छाया है तिमिर आज रात ।।
अतिथि वह अजाना है
लगते पर बड़े मधुर,
उसके सब गीत-सुर ।।
सोच रहा जाऊँगा मैं उसके साथ—
अनजाने इस असीम अंधकार ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Aaj jaagee kyon marmar-dhvani

आज जागी क्यों मर्मर-ध्वनि !

आज जागी क्यों मर्मर-ध्वनि !
पल्लव पल्लव में मेरे हिल्लोल,
हुआ घर-घर अरे कंपन ।।
कौन आया ये द्वारे भिखारी,
माँग उसने लिए मन-धन ।।
जाने उसको मेरा यह हृदय,
उसके गानों से फूटें कुसुम ।
आज अंतर में बजती मेरे,
उस पथिक की-सी बजती है ध्वनि ।।
नींद टूटी, चकित चितवन । 


–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Paravaasee, aa jao ghar

परवासी, आ जाओ घर

परवासी, आ जाओ घर
नैय्या को मोड़ लो इधर ।।
देखो तो कितनी ही बार
नौका है नाविक की हुई आर-पार ।।
मांझी के गीत उठे अंबर पुकार ।
गगन गगन आयोजन
पवन पवन आमंत्रण ।।
मिला नहीं उत्तर पर,
मन ने हैं खोले ना द्वार ।।
हुए तभी गृहत्यागी,
निर्वासित कर डाले अंतर-बाहर ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Sone ke pinjare mein nahin rahe din

सोने के पिंजरे में नहीं रहे दिन 

सोने के पिंजरे में नहीं रहे दिन ।
रंग-रंग के मेरे वे दिन ।।
सह न सके हँसी-रुदन ना कोई बँधन ।
थी मुझको आशा— सीखेंगे वो प्राणों की भाषा ।।
उड़ वे तो गए कही नही सकल कथा ।
कितने ही रंगों के मेरे वे दिन ।।
देखूँ ये सपना टूटा जो पिंजरा वे उसको घेर ।
घूम रहे हैं लो चारों ओर ।
रंग भरे मेरे वे दिन ।
इतनी जो वेदना हुई क्या वृथा !
क्या हैं वे सब छाया-पाखि !
कुछ भी ना हुआ वहाँ क्या नभ के पार,
कुछ भी वहन !!


–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Bah rahee aanandadhaara bhuvan mein

बह रही आनन्दधारा भुवन में,

बह रही आनन्दधारा भुवन में,
रात-दिन अमृत छलकता गगन में ।।
दान करते रवि-शशि भर अंजुरी,
ज्योति जलती नित्य जीवन-किरण में ।।

क्यों भला फिर सिमट अपने आप में
बंद यों बैठे किसी परिताप में ।।
क्षुद्र दुःख सब तुच्छ, बंदी क्यों बनें,
प्रेम में ही हों हृदय अपने सने ।।
हृदय को बस प्रेम की रस-धार दो ।
दिशाओं में उसे ख़ूब प्रसार दो ।।


–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Bajo, re banshee, bajo

बाजो रे बाँशरि, बाजो ।

बजो, रे बंशी, बजो ।
सुंदरी, चंदनमाला में, अरे मंगल संध्या में सजो ।
लगे यह मधु-फागुन के मास, पांथ वह आता है चंचल—
अरे वह मधुकर कंपित फूल नहीं आया आँगन में खिल ।
लिए रक्तिम अंशुक माथे, हाथ में कंकण किंशुक के,
मंजरी से झंकृत पदचाप, गंध यह मंथर बिखराती,
गीत वंदन के तुम गाकर, कुंज में गुंजन बनकर सजो ।।

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore chup chup rahana sakhee

चुप चुप रहना सखी, चुप चुप ही रहना,


चुप चुप रहना सखी, चुप चुप ही रहना,
काँटा वो प्रेम का—
छाती में बींध उसे रखना ।
तुमको है मिली सुधा, मिटी नहीं
अब तक उसकी क्षुधा, भर दोगी उसमें क्या विष !
जलन अरे, जिसकी सब बींधेगी मर्म,
उसे खींच बाहर क्यों रखना !!

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Vipul tarang re, vipul tarang re

विपुल तरंग रे, विपुल तरंग रे!


उद्वेलित हुआ गगन, मगन हुए गत आगत
उज्ज्वल आलोक में झूमा जीवन चंचल ।
कैसी तरंग रे !
दोलित दिनकर — तारे — चंद्र रे !
काँपी फिर चमक उठी चेतना,
नाचे आकुल चंचल नाचे कुल ये जगत,
कूजे हृदय विहंग ।
विपुल तरंग रे, विपुल तरंग रे !! 

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–

Rabindranath Tagore Path ka vah bandhu

पथ का वह बंधु

पथ का वह बंधु
गंध लिए कुसुमों की
पथ का वह बंधु
उसका आलोक अरे

बंधु वही तेरा है बंधु वही तो ।
कहे मधु खोजो मधु वही तो ।।
बंधु वही तो ।
उसका अंधियार 
अभी-अभी यहीं और अभी नहीं वो ।।
बंधु वही तो !

–रबिन्द्रनाथ टैगोर–



Wednesday, December 5, 2018 8:07 PM

Rahat Indori Shayri Mausamo ka khyaal rakah karo

मौसमो का ख़याल रखा करो
कुछ लहू मैं उबाल रखा करो

लाख सूरज से दोस्ताना हो
चंद जुगनू भी पाल रखा करो

Rahat Indori Kasti tera naseeb chamkadar kar diya

कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया
इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया

अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया

रातों को चांदनी के भरोसें ना छोड़ना
सूरज ने जुगनुओं को ख़बरदार कर दिया

रुक रुक के लोग देख रहे है मेरी तरफ
तुमने ज़रा सी बात को अखबार कर दिया

इस बार एक और भी दीवार गिर गयी
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया

बोल था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाइयों ने मुझे गुनहगार कर दिया

दो गज सही ये मेरी मिलकियत तो हैं
ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया ।

Rahat Indori Shyari Is duniya ne meri wafa ka kitna uncha mol diya

Is duniya ne meri wafa ka kitna uncha mol diya
Pairon mein zanjeerein daali haathon mein kashkol diya

Jab bhi koi inaam mila hai mera naam bhi bhool gaye
Jab bhi koi ilzaam laga hai mujhpar laakar dhol diya

Haath ke chhaale, paanv ke kaante, aankh ke aansu, dil ka dard
Tune mujhko pyaar mein jo bhi tohfa diya anmol diya

Ab gham aaye, khushiyaan aaye, maut aaye ya tu aaye
Maine to bas aahat payi aur darwaza khol diya

Rahat Indori Shayeri Chalte phirte hue mehtaab dikhayenge tumhe

चलते फिरते हुए महताब दिखायेंगे तुम्हें
हमसे मिलना कभी पंजाब दिखायेंगे तुम्हें

चाँद हर छत पे है ,सुरज है हर एक आंगन में
नींद से ज़ागो तो कुछ ख़्वाब दिखायेंगे तुम्हें

पूछते क्या हो रुमाल के पीछे क्या है
फिर किसी ऱोज ये शैलाब दिखायेंगे तुम्हें

Rahat Indori Shayar Yahi imaan likhte hai, yahi imaan padhte hai

यही ईमान लिखते हैं, यही ईमान पढ़ते हैं
हमें कुछ और मत पढवाओ, हम कुरान  पढ़ते हैं

यहीं के सारे मंजर हैं, यहीं के सारे मौसम हैं
वो अंधे हैं, जो इन आँखों में पाकिस्तान पढ़ते हैं

Rahat Indori Shayari Faisla jo kuch bhi ho, hume manjoor hona chahiye

फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए

भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए

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Rahat Indori Dosti jab kisi se ki jaaye

Dosti jab kisi se ki jaaye
Dushmanonki bhi raay li jaaye

Maut ka zahar hai fizaaon men 
Ab kahaan ja ke saans li jaaye 

Bas isi soch men hun duba hua 
Ye nadi kaise paar ki jaaye

Mere maazi ke zakhm bharane lage 
Aj fir koi bhul ki jaaye

Botalen khol ke to pi baraso 
Aj dil khol kar bhi pi jaaye

Rahat Indori Is se pahle ki hawa shor machane lag jaaye

इस से पहले की हवा शोर मचाने लग जाए
मेरे “अल्लाह” मेरी ख़ाक ठिकाने लग जाए

घेरे रहते हैं खाली ख्वाब मेरी आँखों को
काश कुछ  देर मुझे नींद भी आने लग जाए

साल भर ईद का रास्ता नहीं देखा जाता
वो गले मुझ से किसी और बहाने लग जाए

Tuesday, December 4, 2018 8:30 PM

Rahat Indori Ye haadsaa to kisee din gujarne waalaa tha

ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था
मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था
तेरे सलूक तेरी आगही की उम्र दराज़
मेरे अज़ीज़ मेरा ज़ख़्म भरने वाला था

बुलंदियों का नशा टूट कर बिखरने लगा
मेरा जहाज़ ज़मीन पर उतरने वाला था

मेरा नसीब मेरे हाथ काट गए वर्ना
मैं तेरी माँग में सिंदूर भरने वाला था

मेरे चिराग मेरी शब मेरी मुंडेरें हैं
मैं कब शरीर हवाओं से डरने वाला था


Rahat indori poem Intezamat naye sire se sambhale jayen


Intezamat naye sire se sambhale jayen
Jitane kamzarf hain mehafil se nikale jayen

Mera ghar ag ki lapaton may chupa hia lekin
Jab maza hai tere angan may ujale jayen

Gam salamat hai to pite hi rahenge lekin
Pehale maikhane ki halat sambhale jayen

Khali waqton may kahin baith ke rolen yaro
Fursaten hain to samandar hi khangale jayen

Khak may yun na mila zabt ki tauhin na kar
Ye wo ansun hain jo duniya ko baha le jayen

Ham bhi pyase hain ye ehasas to ho saqi ko
Khali shishe hi hawaon may uchale jayen

Ao shahr may naye dost banayen quot;rahat quot;
Astinon may chalo sanp hi pale jayen 

Rahat Indori shayar Raaz jo kuch ho ishaaron me bata bhi dena

राज़ जो कुछ हो इशारों में बता देना
हाथ जब उससे मिलाओ दबा भी देना

नशा वेसे तो बुरी शे है, मगर
“राहत”  से सुननी  हो तो थोड़ी सी पिला भी देना

Rahat Indori Dilon me aag, labon par gulab rakhte hain

दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं 
सब अपने चेहरों पे दोहरी नक़ाब रखते हैं 

हमें चराग़ समझ कर बुझा न पाओगे 
हम अपने घर में कई आफ़्ताब रखते हैं 

बहुत से लोग कि जो हर्फ़-आशना भी नहीं 
इसी में ख़ुश हैं कि तेरी किताब रखते हैं 

ये मय-कदा है वो मस्जिद है वो है बुत-ख़ाना 
कहीं भी जाओ फ़रिश्ते हिसाब रखते हैं 

हमारे शहर के मंज़र न देख पाएँगे 
यहाँ के लोग तो आँखों में ख़्वाब रखते हैं 

Rahat Indori shayri Ishq me jeet ke aane ke liye kaafi hoon

इश्क में पीट के आने के लिए काफी हूँ
मैं निहत्था ही ज़माने  के लिए काफी हूँ

हर हकीकत को मेरी, खाक समझने वाले
मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए काफी हूँ

एक अख़बार हूँ, औकात ही क्या मेरी
मगर शहर में आग लगाने के लिए काफी हूँ

Rahat Indori Shayari Saanson ki seediyon se utar aayi jindgee

साँसों की सीडियों से उतर आई जिंदगी
बुझते हुए दिए की तरह, जल रहे हैं हम

उम्रों की धुप, जिस्म का दरिया सुखा गयी
हैं हम भी आफताब, मगर ढल रहे हैं हम

Monday, December 3, 2018 8:28 PM

Rahat Indori Shayri Mod hota hain jawani ka sambhalne ke liye

मोड़  होता हैं जवानी का संभलने  के लिए
और सब लोग यही आके फिसलते क्यों हैं

Rahat Indori shyari Log har mod pe ruk ruk ke sambhalte kyo hain

लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं

Rahat Indori shayar Jo jurm karte hain itne bure nahi hote

जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं

Rahat Indori Shayari Nai hawaon ki sohabat bigaad deti hain

नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं

Rahat Indori Chor uchkkon ki karo kadr, ki maloom nahi

चोर उचक्कों की करो कद्र, की मालूम नहीं
कौन, कब, कौन सी  सरकार में आ जाएगा

Rahat indori Shayri Ban ke ik hadasa bazaar me aa jayega

बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा

Dr. Rahat Indori Baadshaahon se bhi feke hue sikke na liye

बादशाहों से भी फेके हुए सिक्के ना लिए
हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से

Rahat indori Jaa ke koi kah de, sholon se chingaari se

जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से

Rahat Indori Phoolon ki dukaane kholo, khushbu ka vyaapar karo

फूलो की दुकाने खोलो, खुशबु का व्यापर करो
इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

Rahat Indori Shayar Tufaano se aankh milayon, saelabon pe war karo

तुफानो से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो
मल्लाहो का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करो

Rahat Indori shyari Ye kya uthaaye kadam aur aa gayi manjil

ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे

Rahat indori Shayari Safar ki had hain waha tak ki kuch nishaan rahe

सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान  रहे

Rahat Indori Usakee katthee aankhon mein hain jantar-mantar sab

उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर मंतर सब


उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर मंतर सब
चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ख़ंजर वंजर सब

जिस दिन से तुम रूठीं,मुझ से, रूठे रूठे हैं
चादर वादर, तकिया वकिया, बिस्तर विस्तर सब

मुझसे बिछड़ कर, वह भी कहां अब पहले जैसी है
फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब

जाने मैं किस दिन डूबूँगा, फिक्रें करते हैं
दरिया वरीया,  कश्ती वस्ती, लंगर वंगर सब

इश्क़ विश्क़ के सारे नुस्खे, मुझसे सीखते हैं
सागर वागर, मंज़र वंजर, जोहर वोहर सब

तुलसी ने जो लिखा अब कुछ बदला बदला हैं
रावण वावण, लंका वंका, बन्दर वंदर  सब

राहत इन्दौरी 

Sunday, December 2, 2018 3:32 PM

Rahat Indori Tere badan ki likhawat mein hain utaar chadhav

तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव
में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे

Rahat Indori Juba to khol, nazar to mila, jawaab to de

जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे
में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे

Rahat indori Shayar Mein noor ban ke jamaane mein fel jaaunga

में नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना

Rahat Indori Shayari Lave deeyon ki hawa mein uchhalte rahna

लवे दीयों की हवा में उछालते रहना
गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना

Rahat Indori Shayri Uski yaad aayi hain saanson, jara dhire chalo

उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो
धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं