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Tuesday, December 18, 2018 8:35 PM
Thursday, November 29, 2018 11:26 PM
Gulzar Aadatan tum ne kar die vaade
आदतन तुम ने कर दिए वादे आदतन हम ने ऐतबार किया तेरी राहो में बारहा रुक कर हम ने अपना ही इंतज़ार किया अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब ये गुनाह हम ने एक बार किया -गुलज़ार- ...
Wednesday, October 31, 2018 11:30 PM
Zakir Khan Shayari Bewafaai
Shayari Bewafaai यूँ तो भूले है हमे लोग कई,पहले भी बहुत सेपर तुम जितना कोई उनमे से याद नहीं आया.. बेवजह बेवफाओं को याद किया है,गलत लोगो पर बहुत बर्बाद किया है. अब कोई हक़ से हाथ पकड़कर महफ़िल में दोबारा नहीं बैठाता,सितारों के बीच से सूरज बनने के कुछ अपने ही नुकसान हुआ करते है.. वो तितली ...
Sunday, October 28, 2018 8:43 PM
Zakir Khan Shayari- Yeh sab kuch jo nhool gayi thi tum...
ऐ अदम के मुसाफ़िरो होशियार राह में ज़िंदगी खड़ी होगी दुश्मनों से क्या ग़रज़ दुश्मन हैं वो दोस्तों को आज़मा कर देखिए अब वो आग नहीं रही, न शोलो जैसा दहकता हूँ, रंग भी सब के जैसा है, सबसे ही तो महेकता हूँ… एक आरसे से हूँ थामे कश्ती को भवर में, तूफ़ान से भी ज्यादा साहिल से ...
Zakir Khan Shayari-Dusmano ki jafa ka khof nahi
दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं आशिक़ी हो कि बंदगी ‘फ़ाख़िर’ बे-दिली से तो इब्तिदा न करो भूली हुई सदा हूँ मुझे याद कीजिए तुम से कहीं मिला हूँ मुझे याद कीजिए कौन जाने कि इक तबस्सुम से कितने मफ़्हूम-ए-ग़म निकलते हैं देखने वालो तबस्सुम को करम मत समझो उन्हें ...
Zakir Khan Shayari -मार डाला मुस्कुरा कर नाज़ से
मार डाला मुस्कुरा कर नाज़ से हाँ मिरी जाँ फिर उसी अंदाज़ से मैं भी हैरान हूँ ऐ ‘दाग़’ कि ये बात है क्या वादा वो करते हैं आता है तबस्सुम मुझ को दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया ऐ दिल-ए-बे-क़रार चुप हो जा जा चुकी है बहार चुप हो जा हम से पूछो ...
Zakir Khan Shayari- kamyaab,tere liye humne khudko kuch yun taiyaar kar liya,...
इश्क़ को मासूम रहने दो , नोटबुक के आखरी पन्ने पर, आप उससे किताबों में डाल के मुश्किल न कीजिये… रफ़ीक़ों से रक़ीब अच्छे जो जल कर नाम लेते हैं गुलों से ख़ार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं कितनी पामाल उमंगों का है मदफ़न मत पूछ वो तबस्सुम जो हक़ीक़त में फ़ुग़ाँ होता है ...
Zakir Khan Shayari Titli
वो तितली की तरह आयी और ज़िन्दगी को बाग कर गयी मेरे जितने भी नापाक थे इरादे, उन्हें भी पाक कर गयी। माना की तुमको भी इश्क़ का तजुर्बा कम् नहीं, हमने भी तो बागो में है कई तितलियाँ उड़ाई… ज़िन्दगी से कुछ ज्यादा नहीं बास इतनी सी फरमाइश है , अब तस्वीर से नहीं, तफ्सील से मिलने ...
Zakir Khan Ruhaani Ishq
Zakir Khan Ruhaani Ishq Bohut hua Ruhaani Ishq ab ke to milna hai tumse, Gazalein nahi likhni hai chhuna hai tumko… Wo hazar baar ke padhe hue Khat ek aur baar nahi padhne hai mujhe, Mujhe apni Ungliya tumhari Hateli pe chahiye… Chum lena hai Maatha tumhara, Seene se laga ...
Zakir Khan Shayari Qayamat
Zakir Khan Shayari Qayamat Mere kuch sawaal hai jo sirf Qayamatt ke roj puchhunga tumse,Kyuki uske pehle tumhari aur meri baat ho sake iss laayak nahi ho tum… Main janana chahta hu kya raqib ke saath bhi chalte hue,Shaam ko yunhi bekhayali main uske saath bhi kya haat ...
Friday, October 26, 2018 6:00 PM
2 Line Shayari #3मन का कोई कोना अंधेरे में ना रहे,
अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है, सच्ची मोहब्बत तो इशारों में ही सिमट जाती है। हम तो आदी है सह लेंगे तेरा दिया हुआ हर जख्म ऐ दोस्त, लेकिन सोचते है अगर तुझे किसी ने ठुकराया तो तेरा क्या होगा। में कभी पुराने फ़टे कपड़े पहनने में नही हिचकिचाता, मुझे ...
2 Line Shayari #2वो एक ख्याल है मेरा,
अश्क़ बह गए आँखों से मगर इतना कह गए, फिर आएंगे तेरी आँखों में तू अपना सा लगता है। कर दे नजर-ए-करम मुझपर मैं तुझ पर एतबार कर लूँ, दीवाना हूं मैं तेरा ऐसा कि दीवानगी की हद पार कर लूं। वो एक ख्याल है मेरा, जो अक्सर मेरे सुकूँ से लड़ता है। ऐसा नही ...
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Zakir Khan Poetry Shunya – मैं शून्य पे सवार ...
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