इश्क़ को मासूम रहने दो , नोटबुक के आखरी पन्ने पर,
आप उससे किताबों में डाल के मुश्किल न कीजिये…
रफ़ीक़ों से रक़ीब अच्छे जो जल कर नाम लेते हैं
गुलों से ख़ार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं
कितनी पामाल उमंगों का है मदफ़न मत पूछ
वो तबस्सुम जो हक़ीक़त में फ़ुग़ाँ होता है