दीवाना उस ने कर दिया एक बार देख कर,
हम कर सके न कुछ भी लगातार देख कर।
दिखने में वो बहुत गरीब थी साहब पर..
उसकी हँसी किसी शहजादी से कम नहीं थी।
सुबह की ख़्वाहिशें शाम तक टाली हैं,
कुछ इस तरह हमने ज़िंदगी सम्भाली है।
मोहब्बत बुरी है बुरी है मोहब्बत,
कहे जा रहे है किये जा रहे है।
कुछ भी लिखूँ, कुछ भी कहूँ,
बिन तुम्हारे सब अधूरा है।
कभी न कभी वो मेरे बारे में सोचेगा ज़रूर..
की हासिल होने की उम्मीद भी नहीं थी.. फिर भी वफ़ा करती थी। 💕
तेरे एहसास की खुशबू रग-रग में समाई है..
अब तु ही बता, क्या इसकी भी कोई दवाई है।
किस उम्र में आकर मिलोगे तुम हमसे सनम,
जब हाथों की मेंहदी बालों में लग रही होगी।
उसकी यादों से भरी है, मेरे दिल की तिजोरी,
कोई कोहिनूर भी दे तो भी मैं सौदा ना करूँ।
महफूज़ हैं तेरे प्यार के नगमे इस दिल में,
जब मन करे तो दरवाज़ा खटखटा देना।
-UNKNOWN