उम्र बाँटने वाले उस ठरकी बूढ़े ने
दिन लपेट कर भेज दिए हैं
नए कैलेंडर की चादर में
इनमें कुछ तो ऐसे होंगे
जो हम दोनों के साझे हों।
सब से पहले
उन्हें छाँट कर गिन तो लूँ मैं!
तब बोलूँगा
‘साल मुबारक‘
वरना अपना पहले जैसा
हाल मुबारक